मामले में अब तक कहां पहुंची जांच?
NDTV को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बृजभूषण शरण सिंह से 2 बार दिल्ली पुलिस पूछताछ कर चुकी है. दो बार जो पूछताछ हुई, वो छह-छह घंटे तक चली. दिल्ली पुलिस ने गोंडा जाकर भी बृजभूषण को लेकर और लोगों से भी सवाल किए हैं. इनमें बृजभूषण के ड्राइवर, सुरक्षाकर्मी, माली और नौकर भी शामिल हैं. SIT इस मामले में अभी तक 137 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है. आरोपों के समय मौजूद हर शख्स का बयान भी दर्ज किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, अब तक 200 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं. इनमें कोच, अधिकारी और पहलवान भी शामिल हैं.
बृजभूषण शरण सिंह से क्या पूछा गया?
सूत्रों के मुताबिक, बृजभूषण शरण सिंह से महिला पहलवानों के लगाए गए आरोपों में जिस घटना का जिक्र किया गया, उससे जुड़े सवाल किए गए. एक पहलवान ने यह आरोप लगाया था कि 16 अक्टूबर 2017 को बृजभूषण शरण सिंह ने दिल्ली में अपने आवास पर बदतमीजी की थी. साथ ही यौन दुर्व्यवहार करने की कोशिश की थी. इस आरोप के बारे में जब बृजभूषण से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो 16 अक्टूबर 2017 को जूनियर पहलवानों के कैंप के लिए लखनऊ में थे. 17 अक्टूबर 2017 को वो अपने चुनावी क्षेत्र का दौरा कर रहे थे. इसी की पड़ताल के लिए गोंडा में एसआईटी की टीम गई थी. वहां बृजभूषण के बयानों को लेकर लोगों से पूछताछ की गई. इस तरह सिलसिलेवार तरीके से दिल्ली पुलिस पूछताछ कर रही है.
पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर विदेश में भी दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. ऐसे में दिल्ली पुलिस की टीम ने उस दौरान मौजूद लोगों से भी पूछताछ की है.
नाबालिग के बयान को लेकर दिल्ली पुलिस दाखिल करेगी रिपोर्ट
वहीं, इस मामले में नाबालिग के बयान को लेकर अलग-अलग रिपोर्ट आ रही हैं. अगले दो-तीन दिनों में नाबालिग के बयान को लेकर दिल्ली पुलिस राउज एवेन्यू कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी. तभी कथित घटना के समय नाबालिग की उम्र को लेकर किये जा रहे तमाम दावों को लेकर क्या सच्चाई है.
पहलवानों ने 2017 में हुई कथित घटनाओं को लेकर आरोप लगाए हैं. जांच 2023 में हो रही है. जाहिर सी बात है कि करीब 6 साल बाद घटना का सबूत जुटाना, बयान दर्ज करना एक लंबी प्रक्रिया है. शायद इसलिए दिल्ली पुलिस को जांच में देरी हो रही है.
गृहमंत्री से कोई सेटिंग नहीं: पुनिया
बजरंग पुनिया ने गृहमंत्री अमित शाह के साथ किसी तरह की सेटिंग से भी इनकार किया है. उन्होंने कहा, ‘गृहमंत्री के साथ पहलवानों की मुलाकात हुई है. बैठक में हमलोगों को कहा गया कि मीटिंग के बारे में बाहर बात नहीं करनी है. सरकार की तरफ से ये बातें हमें बोली गई. हमारी गृहमंत्री के साथ कोई सेटिंग नहीं हुई है. गृहमंत्री ने कहा कि जांच चल रही है. हमने उनसे पूछा कि बृजभूषण की गिरफ़्तारी क्यों नहीं हुई?” बजरंग पुनिया ने कहा कि एक दो दिन में पहलवान मीडिया को बताएंगे कि उनकी आगे की रणनीति क्या होगी.
खाप ने टाला 9 जून को जंतर-मंतर पर होने वाला प्रदर्शन
इस बीच खाप महापंचायत ने 9 जून को जंतर-मंतर पर होने वाला प्रदर्शन टाल दिया है. किसान नेताओं ने कुरुक्षेत्र की महापंचायत में अल्टीमेटम दिया था कि 9 जून तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो वे जंतर-मंतर पर पहलवानों का फिर से प्रदर्शन शुरू कराकर आएंगे. पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को जंतर-मंतर से हटा दिया था.
कब से चल रहा पहलवानों का धरना?
18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया. आरोप लगाया कि WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया. 21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई.
इसके बाद 23 अप्रैल को पहलवान फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा. 28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की.
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