PM मोदी का पूरा इंटरव्यू यहां पढ़ें :
इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, “मैंने देखा कि सालों तक इन्फ्रास्ट्रकर या तो कागज पर है, या तो भाई पत्थर लगा है, शिलान्यास हुआ है. जब मैं यहां आया तो प्रगति नाम का मेरा एक रेग्युलर प्रोजक्ट है. मैं रिव्यू करने लगा और रिव्यू कर करके मैंने उसको गति दी. कुछ हमारा माइंडसेट है. हमारी ब्यूरोक्रेसी है.”
पटेल होते तो सरकारी व्यवस्थाओं में बदलाव आता : PM मोदी
ट्रेनिंग सबसे बड़ी जीत, रिक्रूटमेंट प्रोसेस बहुत बड़ी चीज : PM मोदी
इसके साथ ही ब्यूरोक्रेसी को लेकर उन्होंने कहा, “पहली बात यह है कि एक ट्रेनिंग सबसे बड़ी जीत है. रिक्रूटमेंट प्रोसेस बहुत बड़ी चीज है. मैंने इस पर बहुत बल दिया है. ट्रेनिंग इंस्टिट्यूशन्स को हमने पूरी तरह से बदल दिया है. टेक्नोलॉजी के भरपूर इस्तेमाल की दिशा में हम बदल रहे हैं.”
स्कोप, स्केल, स्पीड और उसके साथ स्किल होनी चाहिए : PM मोदी
उन्होंने कहा, “इंफ्रास्ट्रक्चर में भी फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर… इंफ्रास्ट्रक्चर से भी एक बात है मेरे मन में, एक तो स्कोप बहुत बड़ा होना चाहिए, टुकड़ों में नहीं होना चाहिए, दूसरा स्केल बहुत बड़ा होना चाहिए और स्पीड भी उसके मुताबिक होनी चाहिए यानी स्कोप, स्केल, स्पीड और उसके साथ स्किल होनी चाहिए. ये चारों चीजें अगर हम मिला लेते हैं, मैं समझता हूं हम बहुत कुछ अचीव कर लेते हैं और मेरी कोशिश यही होती है कि स्किल भी, स्केल भी हो और स्पीड भी हो, और कोई स्कोप जाने नहीं देना चाहिए. यह मेरी कोशिश रहती है. पहले भी कैबिनेट के नोट बनते बनते तीन महीने लगते थे. मैंने कहा मुझे बताइए कि कहां रुकता है, धीरे-धीरे करके मैं करीब 30 दिन ले आया, हो सकता है कि मैं आने वाले दिनों में और कम कर दूंगा.”
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