तेलंगाना जातिगत गणना का ‘मॉडल’
सरकार के जातिगत गणना के निर्णय पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘ हम इसका पूरी तरह से समर्थन करते हैं, लेकिन एक समयसीमा चाहते हैं; यह कब तक किया जाएगा. यह पहला कदम है, तेलंगाना जातिगत गणना का ‘मॉडल’ है. सरकार अब तक जातिगत गणना का विरोध कर रही थी, लेकिन अचानक इसे करने का फैसला किया, हम इस कदम का स्वागत करते हैं.’ राहुल गांधी ने आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने की मांग दोहराई. उन्होंने इसके लिए बजट का आवंटन किया जाना चाहिए और तारीख की घोषणा की जानी चाहिए.
हमें पूरी टाइमलाइन चाहिए…
राहुल गांधी ने कहा कि हम देश में जातिगत जनगणना के माध्यम से एक नए तरीके का विकास लाना चाहते हैं. चाहे ओबीसी हों, दलित हों या आदिवासी, इनकी देश में कितनी भागीदारी है, यह सिर्फ जातिगत जनगणना से पता चलेगा, लेकिन हमें और आगे जाना है. हमें पता लगाना है कि देश की संस्थाओं और पावर स्ट्रक्चर में इन लोगों की कितनी भागीदारी है. इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो में लिखा था कि आर्टिकल 15(5) के तहत निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू किया जाए और हमारी मांग है कि सरकार इसे तत्काल लागू करे. उन्होंने कहा कि यह हमारा विजन है, इन्होंने इसे अपनाया, इसलिए हम उनका धन्यवाद देते हैं. हमें पूरी टाइमलाइन चाहिए कि कब तक जातिगत जनगणना का काम पूरा हो जाएगा. इसके अलावा डेवलपमेंटल विजन भी हमारे सामने रखा जाना चाहिए.
राहुल गांधी ने कहा कि जाति जनगणना को कैसे कराया जाएगा, ये बेहद मायने रखेगा. उन्होंने कहा, ‘यह एक पहला कदम है, तेलंगाना जाति जनगणना के लिए मॉडल बना है और वो ब्लू प्रिंट बन सकती है. जाति जनगणना को डिजाइन करने में हमारा सरकार को पूरा ऑफर है, क्योंकि इसका डिजाइन बहुत महत्वपूर्ण विषय है. एक बिहार का डिजाइन है और दूसरा तेलंगाना का डिजाइन है, इन दोनों में जमीन आसमान का अंतर है.’
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