संजय राउत का दावा, शिंदे गुट के कई विधायक शिवसेना के उद्धव गुट के संपर्क में

यहां पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने दावा किया, “जब से अजित पवार और अन्य एनसीपी नेता सरकार में शामिल हुए हैं, शिंदे खेमे के 17-18 विधायकों ने हमसे संपर्क किया है.”

राउत के सहयोगी और लोकसभा सदस्य विनायक राउत ने दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत गुट के विधायकों ने “बगावत” शुरू कर दी है.

विनायक राउत ने कहा कि शिंदे नीत शिवसेना के कुछ विधायक संदेश भेज रहे हैं कि ‘‘वे ‘मातोश्री’ से माफी मांगना चाहते हैं.” मुंबई के बांद्रा इलाके में स्थित ‘मातोश्री’ शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे का आवास है.

विनायक राउत ने कहा कि शिंदे नीत शिवसेना के कई विधायकों ने कहा है कि अगर ‘मातोश्री’ उनसे संपर्क करता है तो वे ‘‘सकारात्मक” रूप से जवाब देंगे. उन्होंने किसी का नाम लिए बिना दावा किया, ‘‘जो मंत्री बनना चाहते थे लेकिन नहीं बन सके और जिन्हें अगले मंत्रिमंडल विस्तार में अपनी कुर्सी जाने का खतरा है वे हमारे संपर्क में हैं.”

उन्होंने कहा, ‘‘जिस दिन अजित पवार सरकार में शामिल हुए, शिंदे गुट के विधायकों ने विद्रोह करना शुरू कर दिया.” उन्होंने कहा कि पश्चिमी महाराष्ट्र, उत्तरी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के कई विधायक (शिंदे गुट के) संदेश भेज रहे हैं कि वे ‘मातोश्री’ से माफी मांगना चाहते हैं और वहां (वापस) आना चाहते हैं.”

वहीं राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने इन दावों को खारिज किया और कहा कि वास्तव में उद्धव ठाकरे गुट के 13 में से छह विधायक उनके संपर्क में हैं. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तीन-चार विधायकों ने कल ही मुझसे बात की.”

शिवसेना (यूबीटी) के नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि सरकार के पास बहुमत है, फिर भी एनसीपी का एक बड़ा समूह सरकार में शामिल हुआ.

उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि शिंदे नीत शिवसेना की अब और कोई जरूरत नहीं है. राउत ने कहा कि अजित पवार एवं राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपद ली जबकि शिंदे समूह के किसी विधायक ने शपथ नहीं ली. उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र को जल्द ही एक नया मुख्यमंत्री मिलेगा.

हालांकि, सामंत ने मुख्यमंत्री शिंदे के पद छोड़ने की अटकलों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘जो कुछ भी हुआ है (उसके लिए) पहल मुख्यमंत्री शिंदे ने ही की थी.” सामंत ने कहा कि हालात अब बदल चुके हैं.

शिंदे गुट के कुछ विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री उनकी चिंताओं को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं और घबराने की कोई जरूरत नहीं है.

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