Benefits Of Rajakapotasana : आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में शरीर और मन को संतुलित रखना बहुत जरूरी हो गया है. अगर आप लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं या बहुत देर तक खड़े रहते हैं, तो यह आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है. खासकर पीठ, पैरों और कमर पर इसका सीधा असर पड़ता है. योग ऐसे ही कई समस्याओं का समाधान है और “एक-राजकपोतासन”, जिसे “पिजन पोज” भी कहा जाता है, एक बेहतरीन योगासन है जो शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है. यह आसन न सिर्फ आपकी रीढ़ की हड्डी, जांघों और कूल्हों को मजबूत करता है, बल्कि यह मेंटल पीस भी प्रदान करता है. अगर आप योग में नए हैं, तो शुरुआत में यह थोड़ा कठिन लग सकता है, लेकिन सही अभ्यास से इसे आसानी से किया जा सकता है. आइए, जानते हैं इसे करने की विधि, फायदे और सावधानियां.
राजकपोतासन के फायदे (Benefits Of Rajakapotasana)
राजकपोतासन करने की विधि
1. प्रारंभिक स्थिति
-सबसे पहले मेट पर बैठें और टेबलटॉप पोजीशन (हाथ और घुटनों के बल) में आ जाएं.
-अब बाएं पैर को आगे लाएं और इसे मोड़कर इस तरह रखें कि आपका पैर का पंजा दाएं हाथ के पास आ जाए.
-ध्यान रहे कि घुटना थोड़ा बाहर की ओर झुका हो.
2. शरीर का संतुलन बनाए रखें
-अपने शरीर का भार संतुलित रूप से बीच में रखें, न ज्यादा दाएं झुकें, न बाएं.
-अब धीरे-धीरे अपने पिछले पैर को पीछे खींचें और इसे सीधा करें.
-ध्यान रखें कि आपकी रीढ़ सीधी रहे और आप सहज महसूस करें.
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3. आगे झुकें और विश्राम करें
-जब आपको लगे कि आप इस स्थिति में सहज हैं, तो धीरे-धीरे अपने ऊपरी शरीर को आगे की ओर झुकाएं.
-हाथों को आगे फैलाएं और माथा ज़मीन पर टिका लें.
-इस स्थिति में 5-10 गहरी सांसें लें और आराम महसूस करें.
4. उन्नत स्तर पर जाने के लिए
-अगर आप इस आसन में और गहराई लाना चाहते हैं, तो पीछे की टांग को मोड़ें और अपने हाथ से पैर को पकड़ें.
-धीरे-धीरे पैर को सिर के करीब लाने की कोशिश करें.
-शुरुआत में यह कठिन लग सकता है, इसलिए जल्दबाजी न करें.
5. वापसी
-अब धीरे-धीरे हाथों को वापस मेट पर रखें और शरीर को ऊपर उठाएं.
-पिछले पैर को धीरे-धीरे टेबलटॉप पोजीशन में लाएं.
-कुछ सेकंड विश्राम करें और फिर दूसरे पैर से दोहराएं.
राजकपोतासन के फायदे
1. शरीर को लचीला बनाता है
इस योगासन से रीढ़ की हड्डी, कूल्हे और पैरों की मांसपेशियां लचीली होती हैं. अगर आप शरीर को ज्यादा डायनेमिक बनाना चाहते हैं, तो इसे रोजाना करें.
2. कमर दर्द में राहत
अगर आपको लंबे समय तक बैठे रहने से कमर दर्द की समस्या होती है, तो यह आसन उसमें काफी मदद कर सकता है. यह रीढ़ को मजबूती देकर दर्द को कम करता है.
3. स्ट्रेस और एंग्जायटी दूर करता है
इस आसन को करने से मन शांत होता है और यह स्ट्रेस और एंग्जायटी को कम करता है. जब आप इस पोज में लंबी सांसे लेते हैं, तो यह मन को स्टेबल करता है.
4. पॉश्चर सुधारता है
यह योगासन आपकी बैठने और खड़े होने की मुद्रा को सुधारता है. जो लोग लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करते हैं, उनके लिए यह बहुत फायदेमंद है.
5. पाचन क्रिया में सुधार
यह आसन पेट के ऑर्गन्स को सिमुलेट करता है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है.
कौन न करें यह आसन?
हालांकि यह आसन बेहद फायदेमंद है, लेकिन कुछ स्थितियों में इसे करने से बचना चाहिए.
अगर आपको घुटनों में दर्द है, तो इस आसन को करने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह लें.
गर्भवती महिलाएं इसे न करें, खासकर अंतिम महीनों में.
कमर या रीढ़ की पुरानी चोट होने पर इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.
अगर आप बहुत ज्यादा थके हुए हैं, तो इस आसन को जबरदस्ती करने से बचें.
जरूरी टिप्स
-अगर आप इस आसन को पहली बार कर रहे हैं, तो धीरे-धीरे और संयम के साथ अभ्यास करें.
-योग करने से पहले और बाद में शरीर को हाइड्रेट रखें.
-अगर यह आसन करने में कठिनाई हो रही है, तो योग ब्लॉक या कुशन का सहारा लें.
-इसे करने का सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट होता है, लेकिन शाम को भी किया जा सकता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)